Extensive Inspection of Nihal(Bhakda) River
कालाढूंगी/हल्द्वानी 30 मई 2018 (सूचना)-
कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र का निहाल नाला (भाखड़ा) तबाही का बहुत बड़ा कारण बना हुआ है। बरसात के दिनों में इस नाले से बाढ़ आ जाती है और कालाढूंगी और चकलवा क्षेत्र के दर्जनों गाॅव इसकी वजह से प्रभावित होते हैं कभी कभी इस नाले से जन-धन की बडे़ पैमाने पर हानि भी होती है। इसका मुख्य कारण निहाल नाले से उपखनिज का चुगान न होना है। अगर नाले से नियमित तौर पर उपखनिज का चुगान हो तो नदी की गहराई बढ़ेगी और पानी का बहाव सही हो जायेगा और नदी बरसात के दिनों में उफान पर नही आयेगाी। इसी समस्या को संज्ञान में लेते हुए पूर्व मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक श्री बंशीधर भगत ने इस समस्या के निराकरण के लिए बुधवार को भाखड़ा नदी (निहाल) का व्यापक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वन महकमें के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
निरीक्षण के दौरान श्री भगत ने मौके पर मौजूद मुख्य वन संरक्षक जयराज को बताया कि वर्ष 2006 में भाखड़ा नदी से उपखनिज के चुगान की अनुमति के लिये वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था जो कि किन्हीं कारणों से वन मंत्रालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है। श्री भगत ने बताया कि भाखड़ा नदी की वजह से बरसात के दिनों में चकलवा व फतेहपुर क्षेत्र के दर्जनों गाॅव के अलावा विदरामपुर, छोटाजाली, सिमल्टिया व अन्य गाॅव प्रभावित होते हैं। बरसात के दिनों में जन जीवन भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि इस नदी से लोगों की सम्पत्ति व जान-माल की सुरक्षा के लिए भाखड़ा नदी से उपखनिज का चुगान आवश्यक हो गया है। वर्तमान में भाखड़ा नदी उपखनिज से भरी पड़ी है। ज्यद ही मानसून सक्रिय होने वाला है और पहाड़ों पर होने वाली बारिस का अथाह पानी इस नदी में आयेगा और तबाही मचायेगा। ऐसे में इस तबाही को रोकने के लिए वन विभाग तत्त्काल भाखड़ा नदी से चुगान की अनुमति जारी कराये।
मुख्य वन संरक्षक जयराज ने मौके पर मौजूद प्रभागीय वनाधिकारी नेहा वर्मा को निर्देश दिये कि वह तत्त्काल भाखड़ा नदी से चुगान किये जाने का विस्तृत प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को तत्काल भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि परीक्षण के उपरान्त प्रस्ताव अनुमति हेतु वनमंत्रालय भारत सरकार को भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण कार्य अतः वन महकमें के अधिकारी इस महत्वपूर्ण कार्य को व्यक्तिगत जिम्मेदारी के साथ करें।
निरीक्षण के दौरान वनसंरक्षक पश्चिमी वृत, डाॅ पराग मधुकर धकाते , प्रभागीय वनाधिकारी नेहा वर्मा, विवेक पाण्डेय के अलावा प्रताप बोरा, कमलनयन जोशी, रवि कुरिया, लक्षमण सिंह देउपा, पूर्व मेजर डाॅ जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, महेन्द्र अधिकारी, मोहन रखोलिया, मदनमोहन देउपा, ग्राम प्रधान चन्दन पोखरिया, कृपाल सिंह बब्बू, मुकेश पलड़िया, शीतल भट्ट, राजेश पाण्डे, पंकज मलरा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे।