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CM Programme on Malila Diwas at Haldwani

Publish Date : 09/03/2018
Chief Minister At Haldwani

हल्द्वानी 08 मार्च  2018 (सूचना)-   अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार की ओर से कुमाऊं के प्रवेश द्वार महानगर हल्द्वानी में भव्य समारोह का आयोजित कर दुग्ध व्यवसाय के अलावा विभिन्न क्षेत्रो में उत्कृष्ट कार्य एवं र्कीतिमान स्थापित करने वाली महिलाओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

शहर के स्टेडियम प्रांगण मे आयोजित कार्यक्रम मंे उपस्थित कुमायू भर की लगभग पांच हजार महिलाओ को मुख्यमंत्री द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें दी। अपने सम्बोधन मे श्री रावत ने कहा कि महिला शक्ति राष्ट्र शक्ति है। अनादिकाल से महिलाओं की शक्ति के रूप में पूजा व अर्चना की जाती रही है। महिला समाज की मार्ग दर्शक के साथ ही प्रेरणा का स्त्रोत भी है। उन्होने कहा कि 8 मार्च दुनिया का इतिहास मे बेहद खास दिन है। यह दिन दुनिया की आधी आबादी के नाम समर्पित है। यह दिन समाज के उस बडे हिस्से के लिए महत्वपूर्ण है जिसके बिना संसार की कल्पना अधूरी रह जाती है। मै अन्तर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर आप सभी लोगो का अभिनन्दन करता हूं। उन्होने कहा कि नारी को हमारे शास्त्रों मे देवतुल्य स्थान मिला है। इसलिए कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता यानि जहां नारियो की पूजा होती है वहां देवताओ का वास होता है। आप सोचिए जन्म देने के लिए मां, राखी बाधने के लिए बहन, कहानी सुनाने लिए दादी, जिद पूरी करने के लिए मौसी,खीर खिलाने के लिए मामी तथा साथ निभाने के लिए पत्नी चाहिए। जीवन के इन सभी महत्वपूर्ण रिश्तांे के लिए महिला जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समाज मंे महिला जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के हर पहलू का आधार है, और अगर हम अपने आधार को मजबूत नही कर पाते तो हम कभी पूर्ण नही हो सकते। हमारे प्राचीन शास्त्रो मे भी नारी के महत्व को समझा गया है। इसलिए लिखा गया है अहिल्या द्रौपदी, तारा, कुंती मंदोदरी तथा, पंचकन्याः स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम् अर्थात अहिल्या, द्रोपदी, कुन्ती, तारा तथा मन्दोदरी इन पंाच कन्याओं के स्मरण मात्र से सम्पूर्ण पापों का विनाश होता है। उन्होने कहा कि महिला उत्थान के लिए हमें भी कुछ रूढियों असमानताओ और अन्ध विश्वासो का विनाश करना होगा। हमें महिलाओ के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारना होगा, इसलिए बेटियो की सुरक्षा, शिक्षा, समृद्वि और सशक्तिकरण के लिए हमंे अभी से कदम उठाने होगे। श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रदेश तीलूरौतेली, रामी बौराणी, गौरादेवी का प्रदेश है। इसलिए यहां महिलाओ को क्या सम्मान मिलना चाहिए यह हम सब अच्छी तरह समझते है।

मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमंे याद है कि उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान भी हमारी सैकडो माताओ बहिनो से बढचढ कर आन्दोलन मे सक्रिय भूमिका निभाई इसलिए नारी शक्ति के उत्थान के लिए प्रयास करना हम सब परम कर्तव्य है। उन्होने कहा कि जब हम महिलाओ को सक्रिय प्रतिनिधित्व देने की बात करते है तो मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी विधानसभा में वर्तमान मे 5 महिला विधायक है। नेता प्रतिपक्ष भी महिला है, साथ ही हमारी सरकार मे ंएक महिला मंत्री भी है। महिला सशक्तिकरण के इस उत्तम उदाहरण के साथ हम प्रेरणा लेकर आगे बढ सकते है।

श्री रावत ने कहा कि हमारे समाज की कडवी सच्चाई रही है कि महिलाओ को जीवन मे कदम-कदम पर लैंगिंक भेदभाव का सामना करना पडता है, लेकिन अब समय बदल रहा है इसलिए आईये आज के दिन हम यह संकल्प ले कि किसी भी कीमत पर महिलाओ के साथ भेदभाव नही होने देंगे। हमारी सरकार ने भी महिला सशक्तिकरण और समाज मे उनकी बराबर भागेदारी के लिए प्रयास किये है। उन्होने कहा कि महिलाओ के भविष्य के लिए बेटियो का वर्तमान सुरक्षित करने की सोच पर चलकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम शुरू किया है। कुछ लोग कहते थे कि ऐसी बाते करने से खास फर्क नही पडता। उन्होेने बताया कि उत्तराखण्ड का पिथौरागढ जिला लिंगानुपात के मामले मे देश के सबसे पिछडे जिलो मे से एक था। 2011 में यहां प्रति 1000 बालको पर मात्र 824 बालिकाये थी, लेकिन बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के बाद व्यापक स्तर पर लोगो मे जागरूकता आयी। पिछले पिथौरागढ मे जब सर्वे कराया तो जिले का लगभग हर घर बेटियो से गुल्जार हुआ है। अब यहां प्रति 1000 बालको पर 935 बालिकायें हो गई है। उन्होने बताया कि प्रदेश के दूसरे जिले बागेश्वर में लिंगानुपात की स्थिति काफी बेहतर है। जिसमें 1000 बालको पर 1036 बालिकायें है इस हेतु उन्होने बागेश्वर वासियो को बधाई भी दी।

अपने सम्बोधन मे मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से निजात दिलाने के लिए करोडो महिलाओ को उज्जवला योजना के  माध्यम से निशुल्क गैस संयोजन उपलब्ध कराये है इस योजना का लाभ देश की लगभग 8 करोड महिलाओ को दिया जा चुका है। केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओ के कौशल विकास के लिए स्टेप योजना चलाई जा रही है जिसमंे लाखों महिलाये लाभ ले रही है। इसी तरह महिला शक्ति केन्द्रो महिला पुलिस स्वयं सेविकों और महिला ई-हाट के जरिये भी महिलाओ को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे है। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रो मे महिलाओ का जीवन काफी कठिन एवं सघर्षशील है। नवजात बच्चियो के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुये वैष्णवी हैल्थ किट मुहैया करायी जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र मे बालिकायंे पीछे ना रहे इसके लिए सरकार द्वारा बालिका शिक्षा में अभिनव प्रयोग किये जा रहे है तथा मेघावी बालिकाओ को सरकार की ओर से निशुल्क लैपटाप भी बांटे जा रहे है। किशोरियो के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि उन्हे मेन्स्ट्रेरशन तथा स्वच्छता के बारे मे जागरूकता हो इसलिए सस्ती दरो पर सनैटरी नैपकीन उपलब्ध कराने के लिए स्पर्श सैनेटरी नैपकीन योजना शुरू की गई है जिसके तहत प्रत्येक जनपद में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा सैनेटरी नैपकिन का उत्पादन किया जायेगा।

अपने सम्बोधन मे मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने महिलाओ को स्वरोजगार से जोडने के लिए मन्दिरो के प्रशाद को आमदनी का जरिया बनाने की पहल की है। बद्रीनाथ की तीन  महिला स्वयं सहायता समूह ने मडूवा व अन्य  स्थानीय अनाजो से प्रशाद निर्मित किया और उसे स्थानीय रेशो की टोकरी मे पैकिंग करके 19 लाख के प्रशाद की ब्रिकी कर 9 लाख का मुनाफा कमाया। उन्होेने कहा कि ग्रामीण लाइट के तहत एलईडी वल्व बनाने का कार्य शुभारम्भ कर दिया गया है। कुमायू के कोटाबाग में ग्रामीण लाईट योजना के तहत एलईडी लाईट बनाने का कार्य शीध्र प्रारम्भ किया जायेगा। 670 न्याय पंचायतो को उत्पादन केन्द्र  के रूप मे विकसित कर रहे है इस वर्ष 15 उत्पादन केन्द्र शुरू किये जायेगे। जहां महिलाओ को कपडा बनाने सिलाई, छपाई बनाने आदि की ट्रेनिंग दी जायेगी। निश्चित रूप से यह प्रयास महिलाओ के आर्थिक सशक्तिकरण मे मददगार साबित होगे। उन्होने कहा कि सडको के रखरखाव में महिला स्वयं सहायता समूह की मदद ली जा रही है। हल्द्वानी देहरादून में महिला बैक स्थापित किये गये है, जहां सभी महिला कर्मचारी कार्यरत है। प्रत्येक जिले में एक-एक महिला बैक स्थापित किया जायेगा।

श्री रावत ने कहा कि सरकार द्वारा 1141 चिकित्सको की नियुक्त कर दी गई है जिसमे 193 महिला चिकित्सक है इसमे गर्व की बात है कि 159 उत्तराखण्ड की महिला चिकित्सक है। उन्होनेे कहा कि प्रदेश मे 1200 आशा कार्यकत्री कार्यरत है उनके लिए 32 करोड का बजट रख दिया गया है तथा प्रत्येक कार्यकत्री का 2 लाख का बीमा कर दिया गया है। इसी तरह प्रदेश मे 2100 एएनएम कार्यरत हैं जिनका 2 लाख का बीमा निशुल्क कर दिया गया है साथ ही इन्हे मोबाइल टेबलेट भी मुहैया कराया जायेगा, ताकि दुरस्थ क्षेत्रो से अपनी सभी सूचनायें सीधे बता सकें। उन्होने कहा कि पुरानी हो चुके 108 एम्बुलैस वाहनो को सरकार द्वारा जल्द ही बदलते  हुये उनके स्थान पर 111 नये एम्बुलैस वाहन शीघ्र दे दिये जायेगे। उन्होने कहा कि प्रदेश के 22 चिकित्सालय टेलीरेडियोलाजी एवं टेलीमेडिसन  से जुड चुके है भविष्य में सभी स्वास्थ केन्द्र को इस सुविधा से जोड दिया जायेगा।

अपने सम्बोधन मे कार्यक्रम संयोजक  उच्चशिक्षा सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री डा0 धनसिह रावत ने कहा कि महिलाओ के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार सजग है। सहकारिता, दुग्ध विकास तथा उच्चशिक्षा के क्षेत्रोें मे सरकार द्वारा महिलाओ के आर्थिक सामाजिक विकास के लिए अनेको योजनाये संचालित की जा रही है। उन्होने कहा सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादको को दुग्ध उत्पादन मे वृद्वि के लिए 4 रूपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जिस हेतु 13 करोड की धनराशि जारी कर दी है साथ ही दुग्ध सचिवो को 50 पैसे प्रोत्साहन राशि का निर्णय लिया गया है। उन्होने कहा प्रदेश के 140 एनडीए व सीडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करनेे बच्चो को मुख्यमंत्री द्वारा 50-50 हजार रूपये पुरस्कार स्वरूप दी जायेगी साथ ही गरीब 50 बच्चो को एनडीए, सीडीएस की तैयारी व उच्चशिक्षा हेतु कोचिंग दी जायेगी।

समाज कल्याण मंत्री श्री यशपाल आर्य ने अपने सम्बोधन में महिलाओं के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ की जानकारी देते हुये सभी महिलाओ को महिला दिवस की शुभकामनायें दी।

अपने सम्बोधन में अध्यक्ष भाजपा अजय भटट ने कहा कि सूबे व केन्द्र की सरकार महिलाओ के समग्र विकास के लिए सजग एवं कार्यरत है। महिलाओ के उत्थान के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार अनेकों कल्याणकारी योजनायो संचालित कर रही है। उन्होेने अन्तर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी।

समारोह में दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत चांदनी चैक दुग्ध समिति की पुष्पा विष्ट व मुन्नी विष्ट को 4.81 लाख का चैक मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया। समारोह में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाली चम्पावत की नन्दापुनेठा, बसन्ती देवी, गीता देवी पिथौरागड की दीप मेहता, रेखा देवी,गीता पाटनी, अल्मोडा की गंगा देवी, बसन्ती देवी, बागेश्वर की सरस्वती देवी, जयन्ती देवी, उधमसिह नगर की हरभजन कौर, सुखजीत कौर, किरन गर्ग, हरबंस कौर, इन्दु थुवाल, चरनजीत कौर, तनुजा देवी, जनपद नैनीताल की जानकी सुयाल, विनिता देवी, तारा देवी, हेमा देवी, खीमा देवी, जीवन्ती देवी, सावित्री कनवाल तथा गुरमीत कौर को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 16 किक्रेट खिलाडी कंचन परिहार,बैटमिंटन खिलाडी निर्मला घोडा चालक धनुली देवी, जैविक खेती करने वाली सावित्री गजरौला तथा सामाजिक सदभावन के क्षेत्र मे कार्य करने वाली उमा जोशी को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विधायक बंशीधर भगत, राम सिंह कैडा, मेयर डॉ. जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, पूर्व सांसद बच्ची सिंह रावत,अध्यक्ष दुग्ध संघ भरत सिह नेगी,जयवीर सिह नेगी, अध्यक्ष नैनीताल जिला सहकारी बैक राजेन्द्र सिह नेगी, अध्यक्ष राज्य सहकारी बैक दान सिह रावत, फैडरेशन चेयरमैन घनश्याम नौटियाल, उपाध्यक्ष रविन्द्र सिह रैकुनी, सदस्य मुकेश बोरा,हृयात सिह मेहरा, ब्लाक प्रमुख पुष्पा नेगी, अध्यक्ष भाजपा प्रदीप विष्ट, महामंत्री गजराज सिह विष्ट, दिनेश आर्य, तरूण बंसल, शान्ति भटट,मंजू तिवारी, प्रकाश हरर्बोला,प्रकाश रावत,राकेश नैनवाल, चन्दन विष्ट, संजय दुम्का,प्रमोद बोरा, प्रमोद बोरा, विजय मनराल, चतुर सिह बोरा नीलम सहगल, चम्पा रैकुनी, कलावती देवी, बिमला बेलवाल के अलावा जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चैधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी, मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र, आरएफसी ललित मोहन रयाल, अपरजिलाधिकारी हरवीर सिह, निदेशक डेयरी संजय खेतवाल आदि मौजूद थे।